जब कुछ याद सुहानी हो
कोई पास तराना हो
तब तुम आना री सखी
मेरा साथ निभाने को
कोई वक़्त का किस्सा सुनना
कोई गजल प्रेम की गाना
तब तुम आना री सखी
कोई राग सुनाना तुम
कोई मधुर गीत गाना
तभी मन का मीत होगा
अपना भी प्रीत होगा
मेरा मन भी तेरा है
तेरा मन भी मेरा है
तब तुम आना री सखी
कोई प्रेम शब्द कहना
कोई तान मधुर देना
बेहद भावपूर्ण अभिव्यक्ति है मित्र
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धन्यवाद् वैभव जी
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so nice and beautiful
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thanks Please take a look at my another poem
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Good one…
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